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संडीला विधानसभा क्षेत्र में ऐसे तो अनेक प्राइवेट हॉस्पिटल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं

हरदोई

संडीला विधानसभा क्षेत्र में ऐसे तो अनेक प्राइवेट हॉस्पिटल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं

बेहतर इलाज देने के अभाव में लोगों की जान जाती रहती है मोटी रकम अस्पताल संचालक वसूलते रहते हैं

एक मामला संडीला सीएचसी क्षेत्र के इमिलिया बाग चौराहा स्थित फैमिली हॉस्पिटल का सामने आया है

फैमिली हॉस्पिटल मानकों के विपरीत संचालित हो रहा है एक मरीज ने बताया हमसे मोटी रकम वसूल ली गई है

और आयुष्मान कार्ड देने की बात कही तो उनके पास कोई ऐसा रजिस्ट्रेशन नहीं था जो आयुष्मान कार्ड पर इलाज करते

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की फैमिली हॉस्पिटल अवैध रूप से संचालित हो रहा है

जो आए गांव के लोगों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है और सीएससी अधीक्षक के रहमों करम पर फल -फूल रहा है

संडीला सीएचसी अधीक्षक चाहते तो संडीला भर में अवैध हॉस्पिटलों का फैला मकड़ जल पर कार्रवाई कर सकते हैं

हालांकि उनको भी उसे आराम है और उन तक मोटी रकम पहुंचाई जाती है सूत्रों से मिली जानकारी

एक तरफ डिप्टी सीएम बृजेश पाठक अवैध हॉस्पिटलों पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए आदेश दे रहे हैं अधिकारियों को वहीं दूसरी तरफ संडीला क्षेत्र में फल फूल रहे अवैध हॉस्पिटल

फैमिली हॉस्पिटल एक ऐसा है कि अधिकारियों के आंखों में धूल जोकर रात दिन संचालित किया जा रहा है

इस अस्पताल में अनेक गरीब लोगों को इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है मरीज की हालत बिगड़ने पर राजधानी रेफर किया जाता है

रेफर करने के बाद मरीज के नाम पर कमीशन खोरी भी काला कारोबार चलता रहता है सूत्रों ने बताया कि 30 से 40 परसेंट रेफर करने वाले अस्पताल संचालक को मिलता है

इमलिया बाग चौराहा स्थित बेनीगंज रोड पर संचालित हो रहा है फैमिली हॉस्पिटल फायर ब्रिगेड सुरक्षा भी मौजूद नहीं अधिकारियों को ठेंगा दिखाकर बड़े पैमाने पर चल रहा है फैमिली हॉस्पिटल।

किसी दिन हो सकती है बड़ी अनहोनी जा सकती है कभी किसी गरीब की जान

फिर निशाने पर आएगी मौजूदा सरकार इसका नुकसान हो सकता है मौजूदा सरकार को ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल हो सकता है

ग्रामीणों ने बताया योगी सरकार में जहां एक तरफ अधिकारियों पर कार्रवाई की जाती है तो वहीं दूसरी तरफ अधिकारीयों के हौसले बुलंद रहते हैं ऐसे अवैध हॉस्पिटलों पर कार्रवाई करने के बजाय अस्पताल संचालकों पर मेहरबान है

अब देखना यह है कि संडीला सीएससी अधीक्षक किस तरह और कब तक कार्रवाई करते हैं

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