माजरा वार्ड 77 में पानी की समस्या जस की तस, प्रशासन पर सवाल
देहरादून: माजरा वार्ड नंबर 77 के निवासी पिछले आठ-नौ महीनों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन इस गंभीर मुद्दे का समाधान अब तक अधूरा ही है। सिंचाई विभाग की नहर पर हुए अवैध अतिक्रमण ने वर्षों से जारी पानी की निकासी को बाधित कर दिया है, जिससे करीब 1,500 से 2,000 लोग प्रभावित हो रहे हैं।
क्षेत्रीय लोगों ने अपनी पीड़ा लेकर नगर निगम, एमडीडीए और जिलाधिकारी देहरादून तक गुहार लगाई। शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। जिलाधिकारी सोनिका बंसल ने समस्या का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके बाद एक अस्थायी समाधान के रूप में छोटी नाली बनवाई गई। हालांकि, यह नाली बारिश के मौसम में पानी की निकासी के लिए पर्याप्त नहीं है।
अवैध निर्माण बना मुसीबत
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि कुछ दबंगों ने सिंचाई विभाग की नहर पर अवैध फ्लोरिंग और निर्माण कार्य करके पानी का रास्ता बंद कर दिया। जिन स्थानों पर नहर बहती थी, वहां अब दुकानें बन चुकी हैं। लोगों ने एमडीडीए को भी शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई के बजाय अवैध निर्माण जारी रहा।
क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि जब भी बारिश होगी, पानी के इस अस्थायी समाधान से निकासी संभव नहीं हो सकेगी और घरों में पानी घुसने का खतरा बना रहेगा। समस्या का स्थायी समाधान तभी होगा, जब नहर का अतिक्रमण हटाकर पानी की निकासी को मूल रूप से बहाल किया जाएगा।
प्रशासन पर सवालिया निशान
स्थानीय लोगों का कहना है कि आज तक ऐसा जिलाधिकारी नहीं मिला जो तुरंत समस्या का समाधान करवा सके। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अब तक मौके पर आकर निरीक्षण भी नहीं किया है। इससे अवैध अतिक्रमण करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
क्षेत्रीय निवासियों की उम्मीदें जिलाधिकारी से
माजरा वार्ड के लोग जिलाधिकारी से अपील कर रहे हैं कि वे इस समस्या को गंभीरता से लें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से उन्हें असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
निवासियों की मांग है कि नहर के अतिक्रमण को हटाया जाए और पानी की निकासी के लिए पुराने रास्ते को बहाल किया जाए। इस मामले में अब जिलाधिकारी और संबंधित विभाग की कार्रवाई ही तय करेगी कि माजरा वार्ड के लोगों को उनकी समस्या से कब राहत मिलेगी।